(रणविजय सिंह, चार मई 2017, पार्ट टू)
एलयू में संविदा कर्मचारियों के बहाने मनमाने तरीके से की गई नियुक्तियों की जांच के आदेश हो गए हैं। यही नहीं इस मामले में मनमानी नियुक्ति के दायरे में आ रहे कर्मचारियों के मूल दस्तावेजों के साथ एलयू के रजिस्ट्रार को 12 मई को तलब कर लिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अनु सचिव अतुल कुमार मिश्र ने एलयू की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसके जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करने को कहा है।
शासन ने एलयू में 31 दिसंबर 2001 से पहले तैनात संविदा, वर्कचार्ज और दैनिक वेतन पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश हुआ था। इस आदेश के बहाने एलयू अधिकारियों ने 128 ऐसे कर्मचारियों को नियमित कर दिया, जो प्रमोट होकर इस दायरे से ऊपर उठ चुके थे। एनबीटी ने इस गड़बड़ी का खुलासा करते हुए प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। उप्र राज्य विवि कर्मचारी महासंघ ने एनबीटी की खबर को आधार बनाते हुए शासन में इसकी शिकायत दर्ज करा दी। मामले की जानकारी होते ही अनु सचिव अतुल कुमार मिश्र ने इस मामले में जांच के आदेश दिए।
हर कदम गड़बड़ियों के आरोप :
उप्र राज्य विवि कर्मचारी महासंघ के महामंत्री रिंकू राय के मुताबिक नियुक्ति में हर कदम पर गड़बड़ी की गई। उनके मुताबिक जूलॉजी विभाग में तैनात नत्थू लाल को 1995 में नियुक्ति दिखाते हुए नियमित किया जा रहा है जबकि उन्हें 2004 में पहली तैनाती मिली थी। यही नहीं नियमित किए गए कर्मचारियों की एलयू की सूची में सुरेंद्र गुप्ता का नाम 30वें नंबर पर है, लेकिन शासन को भेजी गइ सूची में उनका नाम ही नहीं है। शिवेंद्र तिवारी ने एलयू में 1996 में ज्वाइन किया था। उनका नाम शासन को भेजी गई सूची में तो है लेकिन एलयू ने जिन कर्मचारियों को नियमित किया है, उस सूची से नाम गायब है।
अभी हमें शासन की तरफ से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। नियुक्ति में गड़बड़ियों के आरोप बेबुनियाद हैं। पत्र मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
डॉ़ एसपी सिंह, कुलपति
एलयू
एलयू में संविदा कर्मचारियों के बहाने मनमाने तरीके से की गई नियुक्तियों की जांच के आदेश हो गए हैं। यही नहीं इस मामले में मनमानी नियुक्ति के दायरे में आ रहे कर्मचारियों के मूल दस्तावेजों के साथ एलयू के रजिस्ट्रार को 12 मई को तलब कर लिया गया है। उच्च शिक्षा विभाग के अनु सचिव अतुल कुमार मिश्र ने एलयू की कार्यशैली पर कड़ी नाराजगी जताते हुए इसके जिम्मेदार कर्मचारियों और अधिकारियों के खिलाफ दंडात्मक कार्यवाही करने को कहा है।
शासन ने एलयू में 31 दिसंबर 2001 से पहले तैनात संविदा, वर्कचार्ज और दैनिक वेतन पर काम कर रहे कर्मचारियों को नियमित करने का आदेश हुआ था। इस आदेश के बहाने एलयू अधिकारियों ने 128 ऐसे कर्मचारियों को नियमित कर दिया, जो प्रमोट होकर इस दायरे से ऊपर उठ चुके थे। एनबीटी ने इस गड़बड़ी का खुलासा करते हुए प्रमुखता से खबर प्रकाशित की। उप्र राज्य विवि कर्मचारी महासंघ ने एनबीटी की खबर को आधार बनाते हुए शासन में इसकी शिकायत दर्ज करा दी। मामले की जानकारी होते ही अनु सचिव अतुल कुमार मिश्र ने इस मामले में जांच के आदेश दिए।
हर कदम गड़बड़ियों के आरोप :
उप्र राज्य विवि कर्मचारी महासंघ के महामंत्री रिंकू राय के मुताबिक नियुक्ति में हर कदम पर गड़बड़ी की गई। उनके मुताबिक जूलॉजी विभाग में तैनात नत्थू लाल को 1995 में नियुक्ति दिखाते हुए नियमित किया जा रहा है जबकि उन्हें 2004 में पहली तैनाती मिली थी। यही नहीं नियमित किए गए कर्मचारियों की एलयू की सूची में सुरेंद्र गुप्ता का नाम 30वें नंबर पर है, लेकिन शासन को भेजी गइ सूची में उनका नाम ही नहीं है। शिवेंद्र तिवारी ने एलयू में 1996 में ज्वाइन किया था। उनका नाम शासन को भेजी गई सूची में तो है लेकिन एलयू ने जिन कर्मचारियों को नियमित किया है, उस सूची से नाम गायब है।
अभी हमें शासन की तरफ से ऐसा कोई पत्र नहीं मिला है। नियुक्ति में गड़बड़ियों के आरोप बेबुनियाद हैं। पत्र मिलने के बाद आगे की कार्यवाही की जाएगी।
डॉ़ एसपी सिंह, कुलपति
एलयू
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