Tuesday, 30 May 2017

आमदनी अठन्नी, खर्च रुपईया

(रणविजय सिंह, 5 मई 2017, बायोटेक पार्क पार्ट टू)

बायोटेक पार्क में खर्च के तौर तरीकों पर 'आमदीन अठन्नी खर्चा रुपईया' वाली कहावत सटीक बैठती है। यहां वित्तीय अनियमितताओं की जांच रिपोर्ट के मुताबिक वित्तीय वर्ष 2015-16 में यहां करीब दो करोड़ 93 लाख रुपये की आय हुई, जबकि अधिकारियों ने तीन करोड़ 96 लाख रुपये खर्च कर दिए। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने करीब एक करोड़ रुपये ज्यादा खर्च किया। यह रकम कहां से आयी और क्यों खर्च की गई? जांच शुरू होने के बाद इस सवाल का जवाब अधिकारियों को नहीं सूझ रहा है। यही नहीं जिन तीन कंपनियों को यहां जमीन दी गई है, उनके चयन के तौर तरीकों पर भी सवाल उठ रहे हैं।

नहीं बता रहे तीन कंपनियों के चयन का आधार :
जांच रिपोर्ट के मुताबिक लाइफ केयर इनोवेशन, चंदन हेल्थ केयर और अमोर हर्बल प्रालि को करीब 80 हजार वर्गफीट जमीन दे दी गई। जांच के दौरान बायोटेक पार्क के अधिकारी यह नहीं बता सके कि इन कंपनियों को जमीन देने से पहले कब और किस अखबार में इसके लिए विज्ञापन किया गया था? इस विज्ञापन के आधार पर कितनी कंपनियों ने आवेदन किया और उसमें से इन तीनों को किस आधार पर चुना गया? आरोप लग रहे हैं कि इन तीनों को सीधे जमीन दे दी गई, जिसपर इन्होंने पक्का निर्माण करा लिया।

शब्द बदलकर निकाला जमीन देने का रास्ता :
बायोटेक पार्क अपनी जमीन किसी को किराए पर या सबलेट के जरिए नहीं दे सकता था। जांच रिपोर्ट के मुताबिक अधिकारियों ने अपनी चहेती कंपनियों को जमीन देने के लिए एक नया शब्द तैयार किया 'लाइसेंस'। अधिकारियों ने जो दस्तावेज तैयार किए, उसके मुताबिक इन तीनों कंपनियों को यहां काम करने का लाइसेंस दिया गया और इसके एवज में कंपनियां लाइसेंस फीस जमा करती हैं। शासन स्तर से करायी गई जांच में इसे गलत पाया गया। यही नहीं बायोटेक पार्क के अधिकारी जमीन किराए पर दिए जाने की बात कह रहे हैं जबकि कंपनियां मेनटेनेंस फीस पर काम करने का दावा कर रही हैं।

अधिकारी बोलने को तैयार नहीं :
मामला खुलने के बाद बायोटेक पार्क के आला अधिकारी कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं। हालांकि उनका दावा है कि जो भी फैसला हुआ है, वह पूरी तरह से मानकों का पालन करते हुए किया गया है। अधिकारियों का  दावा है कि जमीन देने का फैसला गवर्निंग बॉडी और एडवाइजरी कमिटी की मौजूदगी में हुआ था। इसमें शासन के अधिकारी भी मौजूद थे।

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