(रणविजय सिंह, 23 फरवरी)
_ नगर निगम ने पीएनबी के खाते से दर्जनों ठेकेदारों को किए थे भुगतान, दूसरे बैंकों ने बिना कारण बताए लौटाए चेक
_ नीरव मोदी प्रकरण के बाद पीएनबी से भुगतान फंसने की आशंका में मुख्यालय और बैंक के बीच भटकते रहे ठेकेदार
Ranvijay.Singh1@timesgroup.com, लखनऊ
ठेकेदारों और दूसरी एजेंसियों को नगर निगम की तरफ से दिए गए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के दर्जनों चेक दूसरे बैंकों ने बिना भुगतान किए लौटा दिए। पूछने पर दूसरे बैंकों ने साफ साफ इसकी वजह भी नहीं बतायी। वहीं नगर आयुक्त से लेकर वित्त नियंत्रक तक इंवेस्टर्स समिट में व्यस्त होने के चलते नहीं मिल सके। नीरव मोदी प्रकरण के चलते भुगतान फंसने की आशंका से घबराए चेकधारक और ठेकेदार दिनभर नगर निगम मुख्यालय से बैंक के बीच भटकते रहे। हंगामे की आशंका के बाद बैंक प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को नगर आयुक्त और वित्त नियंत्रक के साथ बैठक का हवाला दिया। बैंक प्रतिनिधियों के मुताबिक 26 जनवरी के बाद नए सॉफ्टवेयर पर काम हो रहा है, जिसके चलते कुछ दिक्कत हो रही है।
नगर निगम को 14वें वित्त से स्वच्छता से जुड़े हुए कामों के लिए केंद्र सरकार से बजट मिलता है। इस बजट से होने वाले कामों का भुगतान करने के लिए नगर निगम ने विपुल खंड स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अकाउंट खुलवाया था। इस अकाउंट में पर्याप्त बजट होने के बावजूद ठेकेदारों को जारी चेक, दूसरे बैंकों ने बिना भुगतान किए लौटा दी। गुरुवार को जितने ठेकेदारों ने जितने भी बैंकों में पीएनबी के चेक लगाए थे, वह सभी वापस आने के बाद हड़कंप मच गया। एक के बाद एक ठेकेदारों का नगर निगम में जमावड़ा लगने लगा। दर्जनों ठेकेदार दोपहर करीब 3:30 बजे नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचे लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद ठेकेदार और चेकधारक पीएनबी की शाखा में पहुंचे। वहां बैंक प्रतिनिधियों के साथ कुछ देर तक बातचीत हुई और उसके बाद हंगामा होने लगा। मामले को संभालने के लिए बैंक अधिकारी भुगतान ना फंसने का आश्वासन देते हुए परेशान चेकधारकों को लेकर बैंक से बाहर आए। उनके आश्वासन पर चेकधारक शुक्रवार को नगर आयुक्त के साथ होने वाली बैठक तक इंतजार करने की चेतावनी देते हुए वापस लौटे।
26 जनवरी के बाद से बदली व्यवस्था :
पंजाब नेशनल बैंक के एजीएम सुनील मकुजा ने बताया कि 26 जनवरी के बाद बैंक ने अपनी पूरी व्यवस्था बदल दी है। अब कोई भी चेक बिना दिल्ली शाखा का एप्रूवल लिए पास नहीं हो रहा है। ऐसे में दस्तखत के सैंपल वहां भेजे जा रहे हैं। यही नहीं नगर निगम के आयुक्त और वित्त नियंत्रक के दस्तखत एक साथ नहीं है। इसके चलते भी दिक्कत आ रही है। अब शुक्रवार को इन तकनीकी खामियों में सुधार के लिए नगर आयुक्त के साथ बैठक है। जल्द ही यह दिक्कत दूर हो जाएगी।
नीरव मोदी प्रकरण के बाद बदली व्यवस्था :
पीएनबी अधिकारियों के मुताबिक 26 जनवरी से चेक अप्रूवल की व्यवस्था बदली गई है। ऐसे में ठेकेदार और नगर निगम के चेकधारक इस पूरे घटनाक्रम को नीरव मोदी प्रकरण से जोड़कर देखने लगा है। हालांकि ठेकेदार असोसिएशन का दावा है कि इस बीच बैंक से कई चेक भुगतान होने का दावा करते हुए पिछले दो से तीन दिनों के भीतर ही यह दिक्कत शुरू होने की बात कही है। नगर निगम ठेकेदार असोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश लोधी ने ऐन होली से पहले भुगतान को लेकर पैदा हुए इस वित्तीय संकट को जल्द से जल्द दूर करने की माग की है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बैंक प्रतिनिधियों और नगर आयुक्त की बैठक के बाद कोई हल नहीं निकला तो आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचेगा।
14वें वित्त के बजट से होने वाले काम :
पेयजल सुविधा, स्वच्छता, सेप्टिक प्रबंधन, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज, बाढ़ के पानी की निकासी, सामुदायिक संपत्तियों के रखरखाव, सड़कों का रखरखाव, फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट, कब्रिस्तान, शमशान भूमि व अन्य मूलभूत सुविधाओं से जुड़े काम।
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बजट की कोई कमी नहीं है। कहीं किसी का भुगतान नहीं फंसेगा। बैंक प्रतिनिधियों से बात की जाएगी। जिन्हें चेक दिया गया है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। इंवेस्टर्स समिट होने के चलते आज बात नहीं हो सकी, कल तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
उदयराज सिंह, नगर आयुक्त
नगर निगम
_ नगर निगम ने पीएनबी के खाते से दर्जनों ठेकेदारों को किए थे भुगतान, दूसरे बैंकों ने बिना कारण बताए लौटाए चेक
_ नीरव मोदी प्रकरण के बाद पीएनबी से भुगतान फंसने की आशंका में मुख्यालय और बैंक के बीच भटकते रहे ठेकेदार
Ranvijay.Singh1@timesgroup.com, लखनऊ
ठेकेदारों और दूसरी एजेंसियों को नगर निगम की तरफ से दिए गए पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) के दर्जनों चेक दूसरे बैंकों ने बिना भुगतान किए लौटा दिए। पूछने पर दूसरे बैंकों ने साफ साफ इसकी वजह भी नहीं बतायी। वहीं नगर आयुक्त से लेकर वित्त नियंत्रक तक इंवेस्टर्स समिट में व्यस्त होने के चलते नहीं मिल सके। नीरव मोदी प्रकरण के चलते भुगतान फंसने की आशंका से घबराए चेकधारक और ठेकेदार दिनभर नगर निगम मुख्यालय से बैंक के बीच भटकते रहे। हंगामे की आशंका के बाद बैंक प्रतिनिधियों ने शुक्रवार को नगर आयुक्त और वित्त नियंत्रक के साथ बैठक का हवाला दिया। बैंक प्रतिनिधियों के मुताबिक 26 जनवरी के बाद नए सॉफ्टवेयर पर काम हो रहा है, जिसके चलते कुछ दिक्कत हो रही है।
नगर निगम को 14वें वित्त से स्वच्छता से जुड़े हुए कामों के लिए केंद्र सरकार से बजट मिलता है। इस बजट से होने वाले कामों का भुगतान करने के लिए नगर निगम ने विपुल खंड स्थित पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) में अकाउंट खुलवाया था। इस अकाउंट में पर्याप्त बजट होने के बावजूद ठेकेदारों को जारी चेक, दूसरे बैंकों ने बिना भुगतान किए लौटा दी। गुरुवार को जितने ठेकेदारों ने जितने भी बैंकों में पीएनबी के चेक लगाए थे, वह सभी वापस आने के बाद हड़कंप मच गया। एक के बाद एक ठेकेदारों का नगर निगम में जमावड़ा लगने लगा। दर्जनों ठेकेदार दोपहर करीब 3:30 बजे नगर आयुक्त के कार्यालय पहुंचे लेकिन वह नहीं मिले। इसके बाद ठेकेदार और चेकधारक पीएनबी की शाखा में पहुंचे। वहां बैंक प्रतिनिधियों के साथ कुछ देर तक बातचीत हुई और उसके बाद हंगामा होने लगा। मामले को संभालने के लिए बैंक अधिकारी भुगतान ना फंसने का आश्वासन देते हुए परेशान चेकधारकों को लेकर बैंक से बाहर आए। उनके आश्वासन पर चेकधारक शुक्रवार को नगर आयुक्त के साथ होने वाली बैठक तक इंतजार करने की चेतावनी देते हुए वापस लौटे।
26 जनवरी के बाद से बदली व्यवस्था :
पंजाब नेशनल बैंक के एजीएम सुनील मकुजा ने बताया कि 26 जनवरी के बाद बैंक ने अपनी पूरी व्यवस्था बदल दी है। अब कोई भी चेक बिना दिल्ली शाखा का एप्रूवल लिए पास नहीं हो रहा है। ऐसे में दस्तखत के सैंपल वहां भेजे जा रहे हैं। यही नहीं नगर निगम के आयुक्त और वित्त नियंत्रक के दस्तखत एक साथ नहीं है। इसके चलते भी दिक्कत आ रही है। अब शुक्रवार को इन तकनीकी खामियों में सुधार के लिए नगर आयुक्त के साथ बैठक है। जल्द ही यह दिक्कत दूर हो जाएगी।
नीरव मोदी प्रकरण के बाद बदली व्यवस्था :
पीएनबी अधिकारियों के मुताबिक 26 जनवरी से चेक अप्रूवल की व्यवस्था बदली गई है। ऐसे में ठेकेदार और नगर निगम के चेकधारक इस पूरे घटनाक्रम को नीरव मोदी प्रकरण से जोड़कर देखने लगा है। हालांकि ठेकेदार असोसिएशन का दावा है कि इस बीच बैंक से कई चेक भुगतान होने का दावा करते हुए पिछले दो से तीन दिनों के भीतर ही यह दिक्कत शुरू होने की बात कही है। नगर निगम ठेकेदार असोसिएशन के अध्यक्ष सुरेश लोधी ने ऐन होली से पहले भुगतान को लेकर पैदा हुए इस वित्तीय संकट को जल्द से जल्द दूर करने की माग की है। उन्होंने कहा कि शुक्रवार को बैंक प्रतिनिधियों और नगर आयुक्त की बैठक के बाद कोई हल नहीं निकला तो आंदोलन ही एकमात्र रास्ता बचेगा।
14वें वित्त के बजट से होने वाले काम :
पेयजल सुविधा, स्वच्छता, सेप्टिक प्रबंधन, ठोस एवं तरल अपशिष्ट प्रबंधन, सीवेज, बाढ़ के पानी की निकासी, सामुदायिक संपत्तियों के रखरखाव, सड़कों का रखरखाव, फुटपाथ, स्ट्रीट लाइट, कब्रिस्तान, शमशान भूमि व अन्य मूलभूत सुविधाओं से जुड़े काम।
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बजट की कोई कमी नहीं है। कहीं किसी का भुगतान नहीं फंसेगा। बैंक प्रतिनिधियों से बात की जाएगी। जिन्हें चेक दिया गया है, उन्हें घबराने की जरूरत नहीं है। इंवेस्टर्स समिट होने के चलते आज बात नहीं हो सकी, कल तक स्थिति सामान्य हो जाएगी।
उदयराज सिंह, नगर आयुक्त
नगर निगम
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