(रणविजय सिंह, 16 मार्च)
_ हजरतगंज से लेकर खदरा, आलमबाग, कानपुर रोड, आशियाना, महानगर, अलीगंज, विराम खंड और विकास नगर तक सप्लाई प्रभावित
_ जल संस्थान ने वैकल्पिक व्यवस्था के तहत शुरू की सप्लाई, अगले महीने तक रीबोरिंग न होने पर बड़े संकट की आशंका
_ 20 मीटर ज्यादा गहराई तक करानी पड़ेगी नई बोरिंग, पुरानी जगह से करीब 700 मीटर दूर तक जमीन के नीचे नहीं मिल रहा पानी
Ranvijay.Singh1@timesgroup.com, लखनऊ
रहीमनगर डुडौली निवासी सुनील वाजपेयी, रानी शर्मा, मंजू निषाद और रामरती यादव समेत दर्जनों लोग 500 रुपये महीना देकर निजी सबमर्सिबल से पानी खरीदने को मजबूर हैं। ऐसा इसलिए है क्योंकि अलीगंज समेत इस इलाके की तरफ जलापूर्ति के लिए बने नलकूप से पानी आना बंद हो गया है। यहां बनी पानी की टंकी में पानी ना भरने के कारण घरों तक सप्लाई नहीं हो पा रही है। शहर में तेजी से गिर रहे जल स्तर के चलते जल संकट की यही तस्वीर लखनऊ के 50 से ज्यादा मुहल्ले और कॉलोनियों में बड़े जल संकट की आशंका पैदा हो रही है। नलकूपों के लिए जगह ढूंढी जा रही है लेकिन जमीन में पानी ही नहीं मिल रहा है। अंधाधुंध दोहन की वजह से राजधानी के अलग अलग 34 इलाकों के नलकूप या तो पूरी तरह से बंद हो गए हैं या फिर इतना कम पानी दे रहे हैं कि उनका कोई इस्तेमाल ही नहीं हो पा रहा। लखनऊ के आठ जोन में करीब 70 से 100 हैंडपंपों को जमीन के नीचे करीब 210 मीटर गहरायी पर भी पानी नहीं मिल पा रहा है।
जल निगम और जल संस्थान के अधिकारियों ने बताया कि इन इलाकों में 120 से 170 मीटर गहराई तक बोरिंग हुई थी, जिसे अब अलग-अलग इलाकों में 140 से 200 मीटर तक रीबोर करना पड़ेगा। इसके अलावा पुरानी जगह से करीब 700 मीटर दूर तक कहीं जमीन नहीं मिल रही तो कहीं जमीन के नीचे पानी नहीं मिल रहा है। इन चुनौतियों के बीच अगले महीने के अंत तक इन नलकूपों को रीबोर नहीं किया जा सका तो करीब 50 से ज्यादा नई पुरानी कॉलोनियों की पांच लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित हो सकती है। इसमें हजरतगंज से लेकर खदरा, आलमबाग, कानपुर रोड, आशियाना, महानगर, अलीगंज, विराम खंड और विकास नगर जैसे इलाकों पर सबसे ज्यादा संकट आ सकता है। वैकल्पिक व्यवस्था के तौर पर कहीं गोमती नदी तो कहीं कठौता से वैकल्पिक तौर पर सप्लाई दी जा रही है। उस पर भी कई नलकूपों के 50 से 100 मीटर के दायरे में जमीन के नीचे पानी नहीं मिल रहा है। जोन पांच के आजादनगर में करीब 700 मीटर दूर जमीन मिली है, यहां 180 मीटर नीचे से पानी मिलने की उम्मीद है। वहीं कृष्णानगर, आशियाना और रुचिखंड में जमीन के नीचे पानी न मिलने के कारण सबसे ज्यादा नलकूप सूख गए हैं। अब यहां नए लगाए जा रहे नलकूपों की गहराई 180 फुट के बजाय 200 मीटर तक की जाएगी।
केपटाउन जैसे हालातों से सीखने की जरूरत
हमें दक्षिण अफ्रीका के शहर केपटाउन से सीखने की जरूरत है। केपटाउन में पानी की ऐसी किल्लत है कि लोगों को हफ्ते में सिर्फ दो दिन नहाने की परमिशन है। 'डे जीरो' व्यवस्था के तहत शहर के 75 फीसदी घरों में पानी की सप्लाई बंद कर दी गई है। शहर में 200 वॉटर पॉइंट्स बनाए गए हैं जहां लोगों को एक दिन के लिए सिर्फ 25 लीटर पानी दिया जाएगा। लम्बी कतारों में लगकर लोग पानी जमा कर रहे हैं। इन पॉइंट्स पर पुलिस और सेना तैनात कर दी गई है। यहां तक की शहर की नालियों का पानी भी रिसाइकल करने की तैयारी हो रही है। अपने शहर में ऐसे हालात न हो, इसके लिए अभी से आंखें खोल लेनी चाहिए।
जोन 1 :
नलकूप : प्राग नारायण रोड नलकूप नंबर 1, नरही नलकूप नंबर 1
प्रभावित इलाके : प्राग नारायण रोड के आसपास की कॉलोनी, बालू अड्डा, राजा राम मोहनराय वॉर्ड की कॉलोनियां, नरही, तिकोना पार्क के आसपास के मकान
आबादी : करीब 5000
जोन 2 :
नलकूप : शिव मंदिर पार्क करेहटा, सेंट एंजीनियस स्कूल के पास, आर्यनगर नलकूप नंबर 1
प्रभावित इलाके : करेहटा, शिवमंदिर पार्क के आसपास के मकान, जोनल कार्यालय से सटी हुई कॉलोनी, एफ ब्लॉक, ई ब्लॉक, सब्जी मंडी, आर्य नगर, मोती नगर
आबादी : 35000
जोन 3 :
नलकूप : महानगर जे पार्क, अलीगंज भुइयनदेवी पार्क के सामने, चौधरी टोला अलीगंज, दया निधान नगर खदरा, कौआ बाग
प्रभावित इलाके : अलीगंज का बड़ा हिस्सा, फैजुल्लागंज सेक्टर ए, सेक्टर बी, सेक्टर सी, सेक्टर एच, सेक्टर जे, चंद्रलोक, भुइयनदेवी पार्क के आसपास के मकान
आबादी : डेढ़ लाख
जोन 4 :
नलकूप : पेपर मिल कॉलोनी, विराम खंड दो, एल्डिको ग्रीन
प्रभावित इलाके : विराम खंड और इसके आसपास के मोहल्ले, एल्डिको और पेपर मिल कॉलोनी। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत विराम खंड में कठौता से पानी भेजा जा रहा है।
आबादी : 50 हजार
जोन 5 :
नलकूप : पूरननगर, चंदर नगर, स्नेह नगर, आजाद नगर, विजय नगर
प्रभावित इलाके : पूरन नगर, मुर्दईया, स्नेह नगर, पूरन नगर, पटेल नगर, अर्जुननगर, गीतापल्ली, सरदारी खेड़ा, स्नेह नगर, दामोदर नगर, आजाद नगर, कृष्णा नगर, रामगढ़, टीपी नगर
आबादी : डेढ़ लाख
जोन 7 :
नलकूप : विकास नगर सेक्टर पांच, विकास नगर सेक्टर 1, कुर्मांचल नगर, इंदिरानगर सेक्टर 18, इंदिरानगर सेक्टर सी।
प्रभावित इलाके : सेक्टर एक, सेक्टर दो, सेक्टर तीन, सेक्टर पांच, सेक्टर छह, शिव विहार, कुर्मांचल नगर, सेक्टर 18 का सी ब्लॉक।
आबादी : करीब 50 हजार
जोन 8 :
नलकूप : हिन्द नगर, आशियाना सेक्टर के, सेक्टर एन, सेक्टर एच, सेक्टर एम1, रुचि खंड द्वितीय, सेक्टर डी1, उद्यान प्रथम, रुचि खंड 1, सेक्टर एफ और सेक्टर आई
प्रभावित इलाके : आशियाना के पांच सेक्टर, पूरा रुचि खंड और एलडीए की कॉलोनियां
आबादी : करीब 50 हजार
हमारी पूरी कोशिश है कि अगले महीने तक इन सभी नलकूपों को रीबोर कर दिया जाए। हालांकि इन नलकूपों की पुरानी जगह पर पानी मिलना अब मुश्किल है। पुरानी जगह से औसतन 100 मीटर दूर तक जमीन के नीचे पानी तलाशा जा रहा। जहां पानी मिलेगा, वहां बोरिंग कर नलकूप लगाया जाएगा। नई जगह भी पहले से औसतन 20 फुट गहराई तक बोरिंग करनी पड़ेगी। वहां से पाइप के जरिए पुरानी लाइनों को जोड़ा जाएगा।
संजीव कुमार गौतम, एक्सईएन
जल निगम
लखनऊ में 34 नलकूप या तो बंद हो चुके हैं या फिर उनसे बहुत कम पानी आ रहा है। ऐसे में इन्हें रीबोर किया जाना जरूरी है। सूची जल निगम को भेज दी गई है। वैकल्पिक व्यवस्था के तहत गोमती और कठौता से जलापूर्ति बहाल की जा रही है। अगले महीने के अंत तक सभी नलकूप नई जगह लगा दिए जाएंगे।
एसके वर्मा, जीएम
जल संस्थान
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शहरी क्षेत्र में तेजी से हो रही गिरावट :
लखनऊ के अलावा गाजियाबाद, मेरठ, गौतमबुद्धनगर, इलाहाबाद, वाराणसी और आगरा समेत अधिकांश जिलों के शहरी इलाकों में तेजी से जल स्तर नीचे जा रहा है। एक अनुमान के मुताबिक हर साल इन जिलों के शहरी इलाकों में भूजल स्तर 45 से 91 सेंटीमीटर नीचे गिर रहा है।
बारिश की स्थिति
69.56 लाख हेमी बारिश का जल मिट्टी में सोख लेती है।
41.20 लाख हेमी बारिश का पानी वाष्प बन जाता है।
36.37 लाख हेमी बारिश का पानी भूगर्भ जल स्रोतों में मिल जाता है।
88.27 लाख हेमी बारिश का पानी हर साल व्यर्थ हो जाता है
लखनऊ में जलस्तर की गिरवट :
एचएएल- 0.95 मी.
जानकीपुरम- 1.30 मी.
आलमबाग-1.55 मी.
लालबाग-1.95 मी.
इंदिरा नगर 3.05 मी.
त्रिवेणी नगर 2.20 मी.
लखनऊ मंडल में भूगर्भ जल की उपलब्धता :
जिला कुल भूगर्भ जल (हेमी) वार्षिक दोहन (हेमी) भविष्य की उपलब्धता (हेमी) भूगर्भ जल विकास दर
लखनऊ 68532.78 55658.53 10635.96 81.21
हरदोई 157525.5 113239.2 40396.75 71.89
सीतापुर 211774.3 132207.9 74669.89 62.43
लखीमपुर खीरी 272856.4 165032.3 101711.8 60.48
रायबरेली 117572.7 90358.03 23004.61 76.85
उन्नाव 149665.3 102612 45288.77 68.56
(मंडल के आंकड़े 2005 के हैं)
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