Sunday, 20 May 2018

दो रुपये में अस्पताली कचरा उठाने वाली एजेंसी को 22 रुपये की दर से दिया काम

(रणविजय सिंह, 12 फरवरी)

_ जिस कंपनी से नगर निगम ने दो रुपये में किया टेंडर, उसी कंपनी को यूपीएचएसएसपी ने कई गुना पर दिया काम
_ सिंगल बिड पर दिए गए काम को लेकर उठे गंभीर सवाल, नगर निगम और यूपीएचएसएसपी आए आमने सामने

Ranvijay.singh1@timesgroup.com, लखनऊ
राजधानी में जो अस्पताली कचरा नगर निगम दो रुपये से भी कम कीमत पर उठवा रहा है, उसी काम के लिए उप्र हेल्थ सिस्टम स्ट्रेथनिंग प्रॉजेक्ट (यूपीएचएसएसपी) ने 22 रुपये का टेंडर किया है। चौंकाने वाली बात यह है कि यूपीएचएसएसपी ने जिस कंपनी को काम दिया है, उसी कंपनी से नगर निगम भी काम करवा रहा है। ऐसे में अहम सवाल यह है कि जब वही कंपनी नगर निगम के लिए बायोमेडिकल वेस्ट महज दो रुपये से भी कम में उठाने को तैयार है तो यूपीएचएसएसपी ने नई दरों से टेंडर क्यों किया? पिछले हफ्ते सामने आए इस मामले के बाद यूपीएचएसएसपी और नगर निगम के अधिकारी अपनी गरदन बचाने के लिए एक दूसरे के टेंडर को ही अवैध ठहराने लगे हैं?
पिछले हफ्ते यूपीएचएस ने बायोमेडिकल वेस्ट अस्पतालों से इकट्ठा करने, उसे ट्रीटमेंट प्लांट तक ले जाने और निस्तारण के लिए टेंडर किया। दस्तावेजों के मतुाबिक नगर निगम यह काम हर बेड के हिसाब से दो रुपये में करा रहा था लेकिन यूपीएचएसएसपी ने इसके लिए तीन गुना ज्यादा कीमत देने को मंजूरी दे दी। यही नहीं कुछ नई सेवाएं जोड़ते हुए प्रति बेड 16 रुपये अतिरिक्त भुगतान की शर्त भी जोड़ दी। ऐसे में जो काम नगर निगम महज दो रुपये से भी कम में करा रहा था, उसके लिए करीब 11 गुना ज्यादा पर टेंडर किया गया। नियमों के मुताबिक कम से कम तीन कंपनियां टेंडर में शामिल होनी चाहिए लेकिन स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने टेंडर में शामिल हुई इकलौती कंपनी को बिना किसी कंपटीशन के काम दे दिया गया। इसकी शिकायत यूपीएचएसएसपी के निदेशक से भी की गई लेकिन तब तक टेंडर एग्रीमेंट किया जा चुका था। अब एक ही काम के लिए राजधानी में दो विभागों के अलग अलग दर से हुए टेंडर को लेकर विवाद शुरू हो गया है। नगर निगम की तरफ से यूपीएचएसएसपी के टेंडर को गलत बताया जा रहा और यूपीएचएसएसपी के अधिकारी नगर निगम के टेंडर को अवैध बता रहा।

किसका टेंडर सही, किसका गलत :
यूपीएचएसएसपी की तरफ से कराए गए टेंडर के बाद तकनीकी पेंच फंस गया है। शहर में बायोमेडिकल वेस्ट के लिए नगर निगम और यूपीएचएसएसपी ने अलग अलग टेंडर कर दिया है। दोनों विभागों की दरें भी अलग अलग हैं लेकिन कंपनी एक ही है। ऐसे में अहम सवाल यह है कि अब राजधानी के अस्पतालों से उठने वाले कचरे का भुगतान नगर निगम की दर से होंगी या यूपीएचएसएसपी की दर से।


नगर निगम ने जब 10 साल के लिए टेंडर कर दिया है तो स्वास्थ्य विभाग अपने स्तर से उसी कंपनी के साथ एग्रीमेंट कैसे कर सकता है? यह गलत है। टेंडर रेट भी हमसे ज्यादा है जो कि गलत है। नगर निगम के साथ एग्रीमेंट कर चुकी कंपनी से पूछताछ की जाएगी।
एसके जैन, सीटीपी
नगर निगम

नगर निगम ने जिन शर्तों पर टेंडर किया है, उसके मुताबिक गुणवत्ता बनाए रखना मुमकिन नहीं है। वैसे भी 10 साल के लिए टेंडर किया जाना समझ से परे है। बायोमेडिकल वेस्ट एकत्र करने से ज्यादा उसके गुणवत्तापरक निस्तारण पर भी जोर दिया जाना चाहिए। हमारे टेंडर की कीमत ज्यादा है लेकिन काम की निगरानी और काम की गुणवत्ता सुनिश्चित करने को लेकर हम प्रतिबद्ध हैं, जो कि पहले नहीं था।
डॉ़ हर्ष शर्मा, प्रॉजेक्ट डायरेक्टर
यूपीएचएसएसपी

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