Tuesday, 26 September 2017

ऑक्सीजन पाइप लाइन का बजट भी रोके रहे अधिकारी

(रणविजय सिंह : पार्ट फोर, 14 अगस्त)

गोरखपुर मेडिकल कॉलेज में वार्डों तक ऑक्सीजन की पाइप लाइन बिछाने के लिए जारी बजट भी चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारी अपने स्तर पर रोके रहे। अधिकारी ऑक्सीजन और वार्डों तक उसकी आपूर्ति को लेकर किस कदर लापरवाह थे, इसका अंदाजा कॉलेज के महानिदेशक और प्रमुख सचिव के बीच करीब एक साल तक चले पत्राचार को देखकर लगाया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक, आला अफसरों ने पैथोलॉजी, ओटी और लेबोरेट्री के मद में आया बजट भी समय रहते जारी नहीं किया।
बीआरडी मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन उच्चीकरण और वार्डों तक उसे बिछाने का प्रस्ताव पिछले साल शासन को भेजा गया था। तत्कालीन प्रिंसिपल आरके मिश्रा की तरफ से 16 फरवरी 2016 को तत्कालीन महानिदेशक डॉ़  बीएन त्रिपाठी को पत्र भेजा गया था। इसके मुताबिक, बीआरडी में ऑक्सीजन गैस पाइप लाइन उच्चीकरण के लिए 4 करोड़ 99 लाख रुपये मांगे गए थे। शासन की तरफ से इस मद में बजट आवंटित हो गया लेकिन कॉलेज को जारी नहीं किया जा सका। नतीजा हुआ कि एक साल बाद भी इसका काम शुरू नहीं हो सका। लिहाजा, प्रिंसिपल की तरफ से रिमाइंडर दिए जाने के बाद तत्कालीन महानिदेशक डॉ़  बीएन त्रिपाठी ने आठ फरवरी 2017 को अपर मुख्य सचिव को बजट जारी करने के लिए पत्र लिखा। पत्र के बाद भी बजट नहीं मिला और पाइप लाइन बिछाने का काम जहां का तहां ठप पड़ा रहा। जानकारों के मुताबिक, अगर वार्डों तक पाइप लाइन बिछाने का काम पूरा हो चुका होता तो हालात को संभालने में आसानी होती।
ओटी, पैथोलॉजी और लेबोरेट्री तक को बजट नहीं
बीआरडी मेडिकल कॉलेज की ओटी, पैथोलॉजी और लेबोरेट्री के निर्माण व इनके उच्चीकरण को लेकर मांगा गया बजट भी जारी नहीं किया गया। ऑक्सीजन मामले में आला अधिकारियों की लापरवाही सामने आने के बाद बाकी प्रॉजेक्ट्स के लिए बजट न मिलने पर सवाल उठने लगे हैं। भ्रष्टाचार मुक्त भारत के शारिक खान के मुताबिक, बिना कमिशन लिए किसी भी कॉलेज को बजट जारी नहीं किया जा रहा है।

बीआरडी के इन प्रॉजेक्ट्स को चाहिए बजट :
प्रॉजेक्ट रकम कार्यदायी संस्था
मेडिकल गैस पाइप लाइन 4 करोड़ 99 लाख यूपीसिडको
मेडिकल गैस पाइप लाइन 13 करोड़ 19 लाख सीएंडडीएस
कॉमन हॉल (गर्ल्स एंड ब्वायज) 1 करोड़ 21 लाख सीएलडीएफ
पैथोलॉजी में ग्रास रूम, सेमिनार 1 करोड़ 74 लाख सीएलडीएफ
परीक्षा हॉल 1 करोड़ 20 लाख सीएलडीएफ
हेमेटोलॉजी लैब 71 लाख सीएलडीएफ
केमिकल एंड प्रोक्टिकल लैब 87 लाख सीएलडीएफ
साइटोलॉजी लैब 1 करोड़ 8 लाख सीएलडीएफ
हिस्टोपैथालॉजी लैब 1 करोड़ 90 लाख सीएलडीएफ
सेंट्रल रिसर्च लैब 3 करोड़ 85 लाख सीएलडीएफ
इम्यूनोहिस्टोकेमेस्ट्री लैब 1 करोड़ 63 लाख सीएलडीएफ
ओटी को मॉड्यूलर ओटी बनाना 9 करोड़ 60 लाख सीएंडडीएस
माइक्रोबायोलॉजी लेबोरेट्री 10 करोड़ सीएंडडीएस
फॉर्माकोलॉजी विभाग उच्चीकरण 9 करोड़ 26 लाख सीएंडडीएस
कम्युनिटी मेडिसिन उच्चीकरण 2 करोड़ 14 लाख सीएंडडीएस

यह काम जिस एजेंसी को दिया गया था, उसपर संदिग्ध दस्तावेज लगाने के आरोप हैं। बीआरडी समेत कई मेडिकल कॉलेजों में पाइप लाइन का काम पाने वाली एजेंसियों की भूमिका की भी जांच हो रही है। अच्छा हुआ कि इनके हाथ में बजट नहीं पहुंचा, वरना बड़ा आर्थिक घोटाला होता। मामले की जांच चल रही है और हर मेडिकल कॉलेज में पारदर्शी तरीके से एजेंसी का चयन कर पाइप लाइन बिछवायी जाएगी।
डॉ़ केके गुप्ता, महानिदेशक
चिकित्सा शिक्षा

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