Tuesday, 26 September 2017

केवल फोटोकॉपी देखकर लगा दिया गया स्पोर्ट्स कोटा, हो गए 30 दाखिले

 (रणविजय सिंह, 20  सितंबर : पार्ट वन)

लखनऊ विश्वविद्यालय में स्पोर्ट्स कोटे से बिना प्रवेश प्रक्रिया और मेरिट के किए गए 30 दाखिलों पर सवाल उठने लगे हैं। एलयू एथलेटिक असोसिएशन के अधिकारियों ने इन अभ्यर्थियों के ओरिजनल सर्टीफिकेट देखने की जरूरत तक नहीं समझी और केवल फोटो कॉपी देखकर कर सत्यापन कर दिया। इसके बाद फोटो कॉपी को ही सही मानते हुए दाखिले भी हो गए। चौंकाने वाली बात यह है कि एलयू में 20 अगस्त के बाद दाखिले खतम हो गए थे लेकिन इन अभ्यर्थियों ने 5 से 7  सितंबर के बीच कैशियर में फीस जमा की है।
खेल कोटे से हुए दाखिलों में गड़बड़ी का खुलासा होने के साथ ही एलयू एथलेटिक असोसिएशन के अधिकारियों को जवाब नहीं सूझ रहा है। एनबीटी की पड़ताल के मुताबिक जिन 30 अभ्यर्थियों को खेल कोटे से सीधे दाखिला दिया गया है, उनमें तीन अभ्यर्थियों के दस्तावेज फर्जी होने की आशंका हैं। बाकी कई अभ्यर्थियों ने जो दस्तावेज लगाए हैं, उनमें से कईयों के पास सीधे दाखिले लायक योग्यता नहीं है इसके बावजूद अधिकारियों ने उन्हें इसका लाभ दे दिया। एक अभ्यर्थी को केडी सिंह स्टेडियम में प्रैक्टिस करने के नाते दाखिला दे दिया गया, जबकि ऐसी सुविधा केवल साई जैसे संस्थान के खिलाड़ियों को मिलती है।
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कुलपति कार्यालय में अलग से लिए गए थे आवेदन :
खेल कोटे के तहत सीधे दाखिले के लिए कुलपति कार्यालय ने आवेदन लिए थे। यहां से अभ्यर्थियों की सूची और आवेदन फॉर्म एथलेटिक असोसिएशन को भेजे गए। नियमों के तहत यहां इन अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए लेकिन ऐसा नहीं हुआ। पिछले साल तक खेल कोटे में गड़बड़ी के आरोपी एक शिक्षक ने इसमें अहम भूमिका निभायी और सभी आवेदन फॉर्म बिना दस्तावेजों का सत्यापन कराए आगे बढ़ा दिए गए। यहां से यह फॉर्म वापस कुलपति कार्यालय भेजे गए और वहां से दाखिले पर मुहर लगाकर प्रवेश समन्वयक को भेज दिया गया। यहां भी किसी अभ्यर्थी के मूल दस्तावेज नहीं देखे गए और सभी को उनके पसंदीदा विषय अलॉट कर दिए गए।

खेल कोटे के तहत जिन भी अभ्यर्थियों को सीधे दाखिला दिया गया, उनके मूल दस्तावेज मेरे सामने नहीं आए और ना ही मैने इनकी जांच की। एथलेटिक असोसिएशन से अप्रूवल हो चुका था लिहाजा दाखिला दे दिया गया।
प्रो़ अनिल मिश्रा, प्रवेश समन्वयक
लविवि

कुलपति कार्यालय से 30 अभ्यर्थियों की सूची और फॉर्म मेरे पास अप्रूवल के लिए आए थे। मैने अप्रूवल दे दिया लेकिन किसी भी फॉर्म में मूल सर्टीफिकेट नहीं थे। मैने काउंसलिंग से पहले इनकी जांच का नोट लगा दिया था। मेरे सामने अब तक इन अभ्यर्थियों के मूल दस्तावेज नहीं आए हैं।
प्रो़ संजय गुप्ता, चेयरमैन
एलयू एथलेटिक असोसिएशन

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