Saturday, 11 February 2012

आपन वोट खराब तौ नाई करब

रणविजय सिंह 
लखनऊ, 9 फरवरी : सियासी दलों के वादों से ऊबे लेकिन गांव के विकास की आस नहीं टूटी। नेताओं पर भरोसा खत्म हुआ, लेकिन लोकतंत्र से विश्र्वास नहीं डिगा। 55 वर्ष पहले जिस विकास की आस में पहली बार वोट डाला था वह आज भी पूरी नहीं हुई। चुनाव दर चुनाव दल और प्रत्याशियों ने सड़क, बिजली, पानी के वादे किए और भूल गए। क्षेत्र की लगातार हुई उपेक्षा के बावजूद 74 वर्षीय रामअवतार को अपने वोट की ताकत पर भरोसा है। लड़खड़ाती हुई लेकिन उम्मीद भरी आवाज में कहते हैं वोट तो देनै है, आपन वोट खराब तौ नाइ करब..। बुजुर्ग रामअवतार सरोजनीनगर विधानसभा क्षेत्र स्थित मोहिनीखेड़ा के निवासी हैं। करीब पांच सौ की दलित आबादी वाले इस इलाके के लिए बिजली, पानी और सड़क आज भी किसी सपने से कम नहीं। शहरी क्षेत्र की सीट होने के बावजूद संपर्क मार्ग के नाम पर यहां कच्ची पगडंडी और जलापूर्ति के लिए केवल एक हैंडपंप है। गांव की जो सूरत 50 वर्ष पहले थी आज भी करीब-करीब वैसी ही है। आजादी के इन वर्षो में विकास से अछूता रहने वाला सरोजनीनगर का मोहिनीखेड़ा अकेला मजरा नहीं है। रहीमनगर पडि़याना के नेवाली खेड़ा, महेंद्र, त्रिलोचन खेड़ा और सैतापुर भी वर्षो से उपेक्षा का दंश झेल रहे हैं। हर मजरे की आबादी दो से पांच सौ है। जीत हार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद यह क्षेत्र लगातार उपेक्षित रहे, बावजूद इसके यहां मतदान को लेकर उत्साह में कोई कमी नहीं आयी। कानुपर रोड स्थित बदालीखेड़ा में विकास कार्यो की उपेक्षा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि स्थानीय निवासी इसे बदहाली खेड़ा कहने लगे हैं। दशकों बाद भी क्षेत्रवासियों को पक्की सड़क नसीब नहीं हुई। जो है वह गढ्डों और जलभराव में लगभग गायब सी हो चुकी हैं। वादों के बावजूद यहां सीवेज लाइन नहीं बिछ सकी। यही सूरत बल्दी खेड़ा और खेड़वा की भी है। पिछले 50 वर्षो में यहां एक सार्वजनिक शौचालय भी नहीं बन सका। यहां के निवासी खुले में शौच करने को मजबूर हैं। चारों तरफ कॉलोनियों से घिरे इन दोनों गांव पूरी तरह विकास से महरूम हैं। सई नदी के किनारे रौतापुर, बरबौता और सैदपुर पुरही में एक बार फिर विकास के नाम पर वोट मांगा जा रहा है। बुजुर्ग रामअवतार समेत इन क्षेत्रों के सभी नागरिक दल और प्रत्याशियों के वादों को शंका की निगाह से देख रहे हैं। इसके बावजूद दिल में कहीं वोट के सहारे बदलाव की उम्मीद बाकी है। मोहिनीखेड़ा के ज्यादातर मतदाताओं का कहना है वोट तो जरूरै देब, तबै त विकास होई।

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