
(रणविजय सिंह, पांच मई)
- नगर निगम के सदन की बैठक के बाद जारी हुए मिनट्स में बड़े पैमाने पर बदलाव को लेकर उठे सवाल
- पदों से ज्यादा तैनात अधिकारी और एक ही पटल पर वर्षों से काबिज बाबुओं के तबादले का कोई जिक्र नहीं
Ranvijay.singh1@timesgroup.com, लखनऊ
अफसरों के दबाव में नगर निगम ने सदन में लिए गए अपने कई फैसलों में बदलाव कर दिया है। शनिवार को मीटिंग के मिनट्स जारी होने पर पता चला कि अधिकारी और पुराने बाबुओं को लेकर हुए फैसलों को पलट दिया गया है। अपर नगर आयुक्त के तीन पदों पर तैनात सात अपर नगर आयुक्तों में से चार को हटाने और एक ही पटल पर वर्षों से जमे बाबुओं के तबादले को लेकर हुए फैसलों का जिक्र बैठक के मिनट्स में किया ही नहीं गया है।
नगर निगम के सदन की बैठक 29 मार्च को हुई थी। बैठक के तुरंत बाद नगर निगम की तरफ से सदन में लिए गए फैसलों की सूची जारी की गई। इसमें 14 बिंदुओं पर सदन ने अपना फैसला सुनाया था। इस बैठक में हुई बहस, आपत्तियों और फैसलों के मिनट्स शनिवार को जारी हुए। चौंकाने वाली बात यह थी कि इसमें बाकी बिंदुओं का तो जिक्र था लेकिन स्वीकृत पदों से ज्यादा तैनात अपर नगर आयुक्तों, एक ही पटल पर तीन वर्ष से ज्यादा समय से काबिज बाबुओं और दूसरे विभागों में जा चुके अधिकारियों को नगर निगम के कोष से वेतन दिए जाने पर लगायी गई रोक का कोई जिक्र नहीं था। इस बाबत पूछने पर कार्यकारिणी सदस्यों से लेकर नगर निगम के आला अधिकारियों तक के पास कोई सीधा जवाब नहीं है। वहीं
यह फैसले भी पलटे :
- शहर के विभिन्न स्थलों पर ग्राउंड बेस्ड मास्ट(मोनोपोल जीबीएम) स्थापित करने के निर्णय को मंजूरी दी थी लेकिन बैठक के मिनट्स में इस प्रस्ताव को खारिज दिखाया गया है।
- कार्यादायी संस्था के कर्मचारियों की बाइओमेट्रिक उपस्थिति करवाने और बैंकों के जरिए वेतन देने का फैसला हुआ था लेकिन इसका भी मिनट्स में जिक्र नहीं है।
- आवयकता से अधिक अधिकारियों को हटाने, सेवा निवृत्त को सेवा विस्तार दिए जाने और एक ही पद पर वर्षों से जमे कर्मचारियों, टैक्स सुपरिटेंडेंट्स व इंस्पेक्टरों को दूसरे जोन में भेजा जाना था लेकिन बैठक के मिनट्स से इन बिंदुओं को हटा दिया गया है।
- हैंड पंप/समर्सिबल की मरम्मत और सभी नालों और सीवर की सफाई 30 अप्रैल तक पूरी की जानी थी, जो अब तक नहीं हो सकी है।
तबादले के बाद भी जमे रहे अधिकारी :
नगर निगम के अपर नगर आयुक्त पीके श्रीवास्तव का तबादला मथुरा वृंदावन नगर निगम के लिए 27 फरवरी को हो चुका है। इसके बावजूद उन्हें अब तक रिलीव नहीं किया गया है। जोनल अफसर संजय ममगई तबादला नगर पालिका परिषद फरुखाबाद के लिए हो चुका है। वह भी अभी लखनऊ में ही जमे हैं। एक अन्य अपर नगर आयुक्त नंदलाल सिंह भी तबादले के बाद भी महकमे में बने हुए हैं।
अभी मैने बैठक के मिनट्स देखे नहीं हैं। रविवार को लखनऊ वापस आ रही हूं। बैठक के मिनट्स पढ़ने के बाद ही इस बारे में कुछ बताया जा सकता है। यह देखना पड़ेगा कि सदन के बाद इन बिंदुओं को हटाकर ही भेजा गया है या फिर मिनट्स तैयार करने में अधिकारियों की लापरवाही है।
संयुक्ता भाटिया, महापौर
लखनऊ
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