(रणविजय सिंह, 11 मई)
- नगर निगम के करीब 50 हजार आवासीय और कमर्शल भवनों से वसूले जा रहे महज एक, दो और छह रुपये हाउस टैक्स
- टैक्स इंस्पेक्टरों ने नहीं किया असेस्मेंट, मामूली हाउस टैक्स जमा कर फायदा उठा रहे भवन स्वामियों पर होगी कार्रवाई
Ranvijay.Singh1@timesgroup.com, लखनऊ
एक तरफ नगर निगम घाटे का रोना रो रहा है और दूसरी तरफ जिन मकानों से 2000 रुपये हाउस टैक्स वसूला जाना चाहिए, उनसे महज 60 पैसे से लेकर छह रुपये तक का टैक्स जमा कराया जा रहा है। उपाध्यक्ष अरुण तिवारी के निर्देश पर एनआईसी से निकाली गई सूची में इसका खुलासा हुआ। सामने आए दस्तावेजों के मुताबिक ऐसे करीब 50 हजार भवन हैं, जिनके असेस्मेंट में मिलीभगत कर महकमे को हर साल करोड़ों का चूना लगाया जाता रहा। वर्षों से मामूली हाउस टैक्स जमा कर गलत तरीके से लाभ उठा रहे भवन स्वामियों के साथ इन इलाकों के टैक्स इंस्पेक्टरों के खिलाफ भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी है।
जोन 1 और जोन छह की सूची सामने आने के बाद जोनल अफसर और टैक्स इंस्पेक्टरों ने इनके सत्यापन का काम तेज कर दिया है। उपाध्यक्ष अरुण तिवारी ने बताया कि इस सूची में मकान संख्या 163/219एफ की जांच करायी गई। चकमंडी स्थित इस भवन का क्षेत्रफल करीब 200 वर्गफीट है और इसमें कमर्शल गतिविधियां चल रही हैं। अनुमान के मुताबिक इसका हाउस टैक्स करीब 2000 रुपये होना चाहिए लेकिन दस्तावेजों में इसका टैक्स महज 60 पैसे दर्ज है। ऐसे ही मामले सप्रू मार्ग, मोहिनी पुरवा, दौलतगंज, करीमगंज, गऊघाट, पुल मोतीलाल, दिलराम बारादरी, जियामऊ, हैदरगंज, भवानीगंज, पुराना टिकैतगंज, मुंशीगंज, महताबबाग पार्ट 2, बरफ खाना, गढ़ी पीर खान, नेवाटी टोला, वजीरबाग, शाहमीना रोड़, मल्लाही टोला और वजीरबाग समेत दर्जनों इलाकों के नाम हैं। सूची में शामिल इन जोनों के मकानों से अब तक महज 60 पैसे से लेकर एक रुपये, एक रुपये 20 पैसे और छह रुपये तक का हाउस टैक्स जमा हो रहा है।
10 हजार मकानों की कुर्की करने की तैयारी :
सामने आयी सूची के मुताबिक करीब 10 हजार ऐसे लोग हैं, जिनका असेस्मेंट तो हो चुका है लेकिन पिछले दो साल से वो टैक्स जमा ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे सभी भवन स्वामियों को नोटिस देकर उनका मकान कुर्क करने की तैयारी है। उपाध्यक्ष अरुण तिवारी के मुताबिक इस संबंध में कर अधीक्षकों और जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
अधिकारियों को देना होगा शपथपत्र :
टैक्स वसूली में लापरवाही सामने आने के बाद अब टैक्स वसूली में जवाबदेही तय कर दी गई है। जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक और वार्ड निरीक्षकों को हर वार्ड से होने वाली वसूली का ब्योरा देना होगा। यही नहीं उन्हें इस बात का शपथपत्र भी देना होगा कि अब कोई मकान टैक्स के दायरे से बाहर नहीं है। इस बीच पिछले महीने ही इस साल टैक्स वसूली की टाइम लाइन भी जारी कर दी गई है।
यह है टाइम लाइन :
31 मई : सभी मकानों के हाउस टेक्स के बिलों का वितरण कर उसकी कॉपी वार्ड लिपिक को सौंपना।
1 जून : कर पुनरीक्षण की परिधि से छूटे हुए मकानों का कर पुनरीक्षण करना।
1 जून से 30 जून : सभी भवन स्वामियों से मिलकर उन्हें बिल सौंपना। कर अधीक्षक कम से कम 5 फीसदी बकाएदारों से स्वयं मिलेंगे।
1 जुलाई से 31 जुलाई : सभी राजकीय भवनों से कर वसूली और 10 हजार से ज्यादा धनराशि के बकाएदारों से संपर्क कर हाउस टैक्स जमा करवाना।
1 अगस्त से 15 अगस्त : कर निर्धारण की परिधि में उन मकानों को भी लाना, जो अब इससे छूटे हुए हैं।
15 अगस्त से 31 अगस्त : 10 हजार से अधिक बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई। बिल जमा ना होने पर कुर्की भी की जा सकती है।
टैक्स वसूली में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आयी है। महज 60 पैसे और एक रुपया हाउस टैक्स कैसे तय हुआ? इसकी जांच करायी जाएगी। इसके साथ ही इस बार बड़े पैमाने पर टैक्स वसूली का अभियान चलाने की तैयारी है। जरूरत पड़ी तो टैक्स जमा ना करने वाले मकानों की कुर्की करायी जाएगी।
अरुण तिवारी, उपाध्यक्ष
नगर निगम
- नगर निगम के करीब 50 हजार आवासीय और कमर्शल भवनों से वसूले जा रहे महज एक, दो और छह रुपये हाउस टैक्स
- टैक्स इंस्पेक्टरों ने नहीं किया असेस्मेंट, मामूली हाउस टैक्स जमा कर फायदा उठा रहे भवन स्वामियों पर होगी कार्रवाई
Ranvijay.Singh1@timesgroup.com, लखनऊ
एक तरफ नगर निगम घाटे का रोना रो रहा है और दूसरी तरफ जिन मकानों से 2000 रुपये हाउस टैक्स वसूला जाना चाहिए, उनसे महज 60 पैसे से लेकर छह रुपये तक का टैक्स जमा कराया जा रहा है। उपाध्यक्ष अरुण तिवारी के निर्देश पर एनआईसी से निकाली गई सूची में इसका खुलासा हुआ। सामने आए दस्तावेजों के मुताबिक ऐसे करीब 50 हजार भवन हैं, जिनके असेस्मेंट में मिलीभगत कर महकमे को हर साल करोड़ों का चूना लगाया जाता रहा। वर्षों से मामूली हाउस टैक्स जमा कर गलत तरीके से लाभ उठा रहे भवन स्वामियों के साथ इन इलाकों के टैक्स इंस्पेक्टरों के खिलाफ भी बड़े पैमाने पर कार्रवाई की तैयारी है।
जोन 1 और जोन छह की सूची सामने आने के बाद जोनल अफसर और टैक्स इंस्पेक्टरों ने इनके सत्यापन का काम तेज कर दिया है। उपाध्यक्ष अरुण तिवारी ने बताया कि इस सूची में मकान संख्या 163/219एफ की जांच करायी गई। चकमंडी स्थित इस भवन का क्षेत्रफल करीब 200 वर्गफीट है और इसमें कमर्शल गतिविधियां चल रही हैं। अनुमान के मुताबिक इसका हाउस टैक्स करीब 2000 रुपये होना चाहिए लेकिन दस्तावेजों में इसका टैक्स महज 60 पैसे दर्ज है। ऐसे ही मामले सप्रू मार्ग, मोहिनी पुरवा, दौलतगंज, करीमगंज, गऊघाट, पुल मोतीलाल, दिलराम बारादरी, जियामऊ, हैदरगंज, भवानीगंज, पुराना टिकैतगंज, मुंशीगंज, महताबबाग पार्ट 2, बरफ खाना, गढ़ी पीर खान, नेवाटी टोला, वजीरबाग, शाहमीना रोड़, मल्लाही टोला और वजीरबाग समेत दर्जनों इलाकों के नाम हैं। सूची में शामिल इन जोनों के मकानों से अब तक महज 60 पैसे से लेकर एक रुपये, एक रुपये 20 पैसे और छह रुपये तक का हाउस टैक्स जमा हो रहा है।
10 हजार मकानों की कुर्की करने की तैयारी :
सामने आयी सूची के मुताबिक करीब 10 हजार ऐसे लोग हैं, जिनका असेस्मेंट तो हो चुका है लेकिन पिछले दो साल से वो टैक्स जमा ही नहीं कर रहे हैं। ऐसे सभी भवन स्वामियों को नोटिस देकर उनका मकान कुर्क करने की तैयारी है। उपाध्यक्ष अरुण तिवारी के मुताबिक इस संबंध में कर अधीक्षकों और जोनल अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
अधिकारियों को देना होगा शपथपत्र :
टैक्स वसूली में लापरवाही सामने आने के बाद अब टैक्स वसूली में जवाबदेही तय कर दी गई है। जोनल अधिकारी, कर अधीक्षक और वार्ड निरीक्षकों को हर वार्ड से होने वाली वसूली का ब्योरा देना होगा। यही नहीं उन्हें इस बात का शपथपत्र भी देना होगा कि अब कोई मकान टैक्स के दायरे से बाहर नहीं है। इस बीच पिछले महीने ही इस साल टैक्स वसूली की टाइम लाइन भी जारी कर दी गई है।
यह है टाइम लाइन :
31 मई : सभी मकानों के हाउस टेक्स के बिलों का वितरण कर उसकी कॉपी वार्ड लिपिक को सौंपना।
1 जून : कर पुनरीक्षण की परिधि से छूटे हुए मकानों का कर पुनरीक्षण करना।
1 जून से 30 जून : सभी भवन स्वामियों से मिलकर उन्हें बिल सौंपना। कर अधीक्षक कम से कम 5 फीसदी बकाएदारों से स्वयं मिलेंगे।
1 जुलाई से 31 जुलाई : सभी राजकीय भवनों से कर वसूली और 10 हजार से ज्यादा धनराशि के बकाएदारों से संपर्क कर हाउस टैक्स जमा करवाना।
1 अगस्त से 15 अगस्त : कर निर्धारण की परिधि में उन मकानों को भी लाना, जो अब इससे छूटे हुए हैं।
15 अगस्त से 31 अगस्त : 10 हजार से अधिक बकाएदारों के खिलाफ कार्रवाई। बिल जमा ना होने पर कुर्की भी की जा सकती है।
टैक्स वसूली में बड़े पैमाने पर अनियमितता सामने आयी है। महज 60 पैसे और एक रुपया हाउस टैक्स कैसे तय हुआ? इसकी जांच करायी जाएगी। इसके साथ ही इस बार बड़े पैमाने पर टैक्स वसूली का अभियान चलाने की तैयारी है। जरूरत पड़ी तो टैक्स जमा ना करने वाले मकानों की कुर्की करायी जाएगी।
अरुण तिवारी, उपाध्यक्ष
नगर निगम
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