Thursday, 19 July 2018

यूजर चार्ज घोटाला : तीन करोड़ 40 लाख वसूले लेकिन दस्तावेजों में दिखाया शून्य

(रणविजय सिंह, चार मई)

- नगर निगम के मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी कार्यालय में गड़बड़ी के आरोप, अधिकारियों की भूमिका पर उठे गंभीर सवाल
- हर महीने जमा होते थे लाखों रुपये लेकिन अधिकारियों ने कोई रकम जमा ना होने की लगा दी रिपोर्ट, खुलासे से हड़कंप

Ranvijay.Singh1@timesgroup.com, लखनऊ
नगर निगम में कूड़ा उठान के नाम पर तीन करोड़ 40 लाख रुपये के गबन का खुलासा होने से महकमे में हड़कंप मच गया है। हर घर से कूड़ा उठाने के एवज में पिछले साल अप्रैल से इस साल फरवरी तक नगर निगम ने करीब तीन करोड़ 40 लाख रुपये वसूले लेकिन दस्तावेजों में उसे शून्य दिखा दिया गया। चौंकाने वाली बात यह है कि हर महीने लाखों रुपये की वसूली करने वाले अधिकारी इसे बड़ी चालाकी से कोई वसूली ना होने का दावा करते रहे। कार्रवाई से बेखौफ अधिकारियों ने सदन में पेश किए गए बजट में भी यूजर चार्ज के तौर पर एक भी रुपया जमा ना होने की रिपोर्ट लगा दी।
कार्यदायी संस्था और निगरानी करने वाले अधिकारियों से पूछताछ में नगर निगम के खाते में जमा की गई रकम का ब्योरा और भुगतान के हर दस्तावेज पर पर्यावरण अभियंता पंकज भूषण के दस्तखत सामने आने के बाद मामले का खुलासा हुआ। इसके बाद उपाध्यक्ष अरुण तिवारी ने इस पूरे मामले की जांच के आदेश देते हुए मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी निजलिंगप्पा को नोटिस जारी करते हुए जवाब-तलब किया है। आला अधिकारियों की नाक के ठीक नीचे इतना बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद नगर निगम में हड़कंप मच गया है। अधिकारियों के पास इस सवाल का जवाब नहीं है कि जब हर महीने लाखों रुपये की वसूली होती रही और फरवरी तक एक करोड़ 40 लाख रुपये जमा कराया गया तो यह रकम आखिर गई कहां? मामले को सदन में उठाने वाले पार्षद और कार्यकारिणी सदस्य विजय कुमार गुप्ता ने महकमे में बड़े पैमाने पर गबन और घोटाले के आरोप लगाते हुए इसकी जांच कराने की मांग की है। उन्होंने इसमें कई बड़े अधिकारियों की मिलीभगत का आरोप भी लगाया है।

पार्षदों की शिकायत पर सदन ने दिए थे जांच के आदेश :
सदन में रखे गए बजट में अधिकारियों ने यूजर चार्ज के तौर पर एक भी रुपये की वसूली ना होने का दावा किया था। इसपर आपत्ति जताते हुए मालवीय नगर वार्ड की पार्षद ममता चौधरी और न्यू हैदरगंज प्रथम वार्ड के पार्षद विजय कुमार गुप्ता ने सवाल उठाया था। इन पार्षदों के मुताबिक वार्ड में हर घर से 100-100 रुपये की वसूली हो रही है। पार्षदों ने नागरिकों से वसूली होने के बावजूद यूजर चार्ज के मद में कोई रकम ना होने पर संदेह जताते हुए जांच की मांग की थी। इसके बाद सदन ने जांच का आदेश दिया था।

एजेंसी पर शक था लेकिन दागी निकले अधिकारी :
कार्यकारिणी सदस्य राजकुमार सिंह, गिरीश कुमार मिश्रा, मोहम्मद सगीर और विजय कुमार गुप्ता ने कई इलाकों में वसूली होने के बावजूद नागरिकों को बिल ना दिए जाने की शिकायत करते हुए कंपनी की भूमिका पर शक जताया था। हालांकि शुरूआती जांच में नगर निगम अधिकारियों की भूमिका पर ही सवाल उठने लगे हैं। उपाध्यक्ष अरुण तिवारी के मुताबिक सामने आए दस्तावेजों में साफ है कि कंपनी ने नागरिकों से वसूली गई रकम नगर निगम के हवाले कर दी लेकिन अधिकारियों ने इस मद के लिए तैयार रिपोर्ट में खेल किया।

नागरिकों से वसूली गई रकम हर महीने जमा करायी गई। इसका पूरा रेकॉर्ड मौजूद है। ऐसे में एक भी रुपया यूजर चार्ज जमा ना होने की बात सही है। ऐसा क्यों और कैसे हुआ? इसको लेकर मैं कुछ नहीं कह सकता। वसूली गई रकम से जुड़े सभी दस्तावेज मेरे पास हैं। जब भी मांगा जाएगा, मैं मुहैया करा दूंगा।
पंकज भूषण, पर्यावरण अभियंता
नगर निगम

मामला काफी गंभीर है। इस संबंध में मुख्य वित्त एवं लेखाधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है। जांच का आदेश भी जारी कर दिया गया है।
अरुण तिवारी, उपाध्यक्ष
नगर निगम

No comments:

Post a Comment

तो क्या बड़े अस्पताल मरीज को भर्ती कर डकैती डालने पर आमादा हैं

समय रहते रजनीश ने अपने नवजात शिशु को अपोलो मेडिक्स से जबरन डिस्चार्ज न कराया होता तो मुझे आशंका है कि 15 से 20 लाख रूपए गंवाने के बाद भी अपन...