रसूखदार की शिकायत पर देसी कुत्ते पकड़ने पहुंचे नगर निगम के कर्मचारियों को निराशा हाथ लगी तो वे इन कुत्तों को रोटी खिलाने वाली महिला की अंधी डॉगी (पॉमेरियन) को उठा ले गए। दो दिन से महिला और उसका बेटा डॉगी को छुड़ाने के लिए नगर निगम के चक्कर लगा रहा हैं, लेकिन अफसर उनसे पहले कुत्ते पकड़वाने को कह रहे हैं। महिला ने शनिवार को नगर निगम के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी अरविंद राव, अपर नगर आयुक्त अनिल मिश्रा और नगर आयुक्त इंद्रमणि त्रिपाठी से मिलकर उन्हें अपनी कुतिया का टीकाकरण और पंजीकरण से जुड़े दस्तावेज भी दिखाए, लेकिन कोई राहत नहीं मिली।
अलीगंज के सेक्टर एल में रहने वाले एक रसूखदार को मुहल्ले में घूमने वाले देसी कुत्तों से परेशानी है। मुहल्ले में ही रहने वाली रेनू मिश्रा इन कुत्तों को रोज रोटी खिलाती हैं। इसे लेकर रसूखदार और रेनू मिश्रा के बीच कई बार नोकझोंक भी हो चुकी है। इस बीच रसूखदार ने नगर निगम अफसरों से शिकायत कर इन्हें पकड़ने का दबाव बनाया। इसपर नगर निगम की टीम ने बुधवार को मुहल्ले में छापा मारा। कैटल कैचिंग दस्ते को देखते ही कुत्ते भाग गए। इनमें से दो कुत्ते रेनू मिश्रा के घर में बैठे थे। नगर निगम की टीम उन्हें पकड़ने पहुंची तो रेनू मिश्रा ने दरवाजा खोलकर उनको भगा दिया। खाली हाथ लौटे कर्मचारियों को नगर निगम अफसरों ने फटकार लगाई तो गुरुवार को नगर निगम के कर्मचारी पुलिस के साथ रेनू मिश्रा के घर पहुंचे। उस समय वो घर पर नहीं थीं। उनके बुजुर्ग पिता ने दरवाजा खोला तो नगर निगम के कर्मचारियों ने भीतर सोई उनकी अल्सेशियन डॉगी को उठा ले गए। इसके बाद रेनू मिश्रा नगर निगम पहुंचीं, लेकिन कोई अधिकारी नहीं मिला। शुक्रवार को कोई अधिकारी नहीं मिला, लेकिन कर्मचारियों ने बताया कि मुहल्ले के देसी कुत्ते पकड़ने का ऊपर से काफी दबाव है। बिना उन्हें पकड़े, डॉगी को नहीं छोड़ा जाएगा। परेशान होकर रेनू शनिवार को अपर नगर आयुक्त से मिलीं, लेकिन कोई समाधान नहीं हुआ।
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मेरी डॉगी अंधी है। उसका टीकाकरण हो चुका है। बिना मेरे वो कुछ खाती नहीं है। इसके बाद भी उसे उठा ले गए। मैं शपथपत्र देने को तैयार हूं कि मुहल्ले के देसी कुत्तों को कुछ नहीं खिलाऊंगी।
-रेनू मिश्रा, पीड़िता
मुहल्ले में रेनू मिश्रा ने दर्जनों देसी कुत्ते पाले हुए हैं। इन्हें रोज दूध ब्रेड और रोटी खिलाती हैं। इससे मुहल्ले वालों को परेशानी है। उनके घर से जो कुतिया पकड़ी गई, उसका लाइसेंस मांगा गया है। लाइसेंस मिलते ही उसे छोड़ दिया जाएगा।
अनिल मिश्रा, अपर नगर आयुक्त, नगर निगम
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