रणविजय सिंह, लखनऊ
केजीएमयू प्रशासन को यहां भर्ती होने वाले मरीजों से ज्यादा अपने कर्मचारियों की सुविधाओं की चिंता है। जहां मरीजों को पंखे भी नसीब नहीं होते वहीं वीसी ऑफिस, फाइनेंस ऑफिसर के ऑफिस और रजिस्ट्रार ऑफिस के कर्मचारियों के लिए एसी लगाए जा रहे हैं। पल्मनरी मेडिसिन विभाग में भर्ती मरीजों को घर से पंखा लाना पड़ रहा है। विभाग के वार्ड में कहीं तो पंखे लगे ही नहीं और जहां लगे हैं उनमें से कई खराब पड़े हैं। मरीजों की इस दिक्कत से बेपरवाह अधिकारियों को कर्मचारियों की ही चिंता है। लिहाजा गर्मी बीतने के बाद भी उनके कमरों में एसी लगाया जा रहा है। केजीएमयू कर्मचारी संघ की तरफ से इस पर नाराजगी जताई जा रही है। संघ का कहना है कि केवल प्रशासनिक भवन के कर्मचारियों के लिए हो रही इस व्यवस्था का विरोध किया जाएगा।
मिलीभगत के आरोप
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रजित राम का आरोप है कि गर्मी बीतने के बाद एसी क्यों लगाए जा रहे हैं। उनका दावा है कि करीब 40 एसी खरीदे गए हैं। इनका आने वाले आठ महीनों तक कोई खास इस्तेमाल नहीं होगा। ऐसे में इनकी वारंटी का भी पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। केजीएमयू के अधिकारी कंपनियों के साथ मिलीभगत कर ऐसा करते हैं।
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प्रशासनिक भवन में तैनात कर्मचारियों की तरफ से एसी लगाने का अनुरोध किया गया था। कंटीजेंसी के मद से एसी के लिए बजट दिया गया है। जिन विभागों में पंखे या कूलर नहीं हैं, उनके विभागाध्यक्ष की तरफ से पत्र आएगा तो वहां भी व्यवस्था कराई जाएगी।
- स्मृति लाल यादव, वित्त अधिकारी, केजीएमयू
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केजीएमयू प्रशासन को यहां भर्ती होने वाले मरीजों से ज्यादा अपने कर्मचारियों की सुविधाओं की चिंता है। जहां मरीजों को पंखे भी नसीब नहीं होते वहीं वीसी ऑफिस, फाइनेंस ऑफिसर के ऑफिस और रजिस्ट्रार ऑफिस के कर्मचारियों के लिए एसी लगाए जा रहे हैं। पल्मनरी मेडिसिन विभाग में भर्ती मरीजों को घर से पंखा लाना पड़ रहा है। विभाग के वार्ड में कहीं तो पंखे लगे ही नहीं और जहां लगे हैं उनमें से कई खराब पड़े हैं। मरीजों की इस दिक्कत से बेपरवाह अधिकारियों को कर्मचारियों की ही चिंता है। लिहाजा गर्मी बीतने के बाद भी उनके कमरों में एसी लगाया जा रहा है। केजीएमयू कर्मचारी संघ की तरफ से इस पर नाराजगी जताई जा रही है। संघ का कहना है कि केवल प्रशासनिक भवन के कर्मचारियों के लिए हो रही इस व्यवस्था का विरोध किया जाएगा।
मिलीभगत के आरोप
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रजित राम का आरोप है कि गर्मी बीतने के बाद एसी क्यों लगाए जा रहे हैं। उनका दावा है कि करीब 40 एसी खरीदे गए हैं। इनका आने वाले आठ महीनों तक कोई खास इस्तेमाल नहीं होगा। ऐसे में इनकी वारंटी का भी पूरा इस्तेमाल नहीं हो पाएगा। केजीएमयू के अधिकारी कंपनियों के साथ मिलीभगत कर ऐसा करते हैं।
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प्रशासनिक भवन में तैनात कर्मचारियों की तरफ से एसी लगाने का अनुरोध किया गया था। कंटीजेंसी के मद से एसी के लिए बजट दिया गया है। जिन विभागों में पंखे या कूलर नहीं हैं, उनके विभागाध्यक्ष की तरफ से पत्र आएगा तो वहां भी व्यवस्था कराई जाएगी।
- स्मृति लाल यादव, वित्त अधिकारी, केजीएमयू
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