Monday, 7 September 2020

भारतीय कंपनियों को छोड़ चाइनीज कंंपनी से दो गुना महंगा ऐनेलाइजर खरीदा


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प्रतापगढ़ में पिछले सप्ताह ऑटोमेटेड हेमेटोलॉजी एनेलाइजर के लिए जेम पोर्टल पर ऑन लाइन टेंडर हुआ। इसमें अफसरों ने बेनेस्फेरा एच31 मॉडल को हरी झंडी दे दी। चौंकाने वाली बात यह है कि भारतीय कंपनियां ऐसा ही उपकरण महज डेढ़ लाख में देने को तैयार थीं लेकिन उन सभी को छोड़कर अफसरों ने चाइनीज कंपनी के इस उपकरण को हरी झंडी दे दी। वो प्रति उपकरण तीन लाख 30 हजार रूपए की दर से। यानी ढाई गुना महंगा। अफसरों ने चाइनीज कंपनियों पर यह मेहरबानी तब बरसाने का साहस किया जबकि भारत सरकार चाइनीज कंपनियों के उत्पादों को इस्तेमाल न करने का बकायदा सर्कुलर जारी कर चुकी है। अब भारतीय कंपनियों ने टेंडर में गड़बड़ी और चाइनीज कंपनियों के उपकरण दो गुना से ज्यादा कीमत पर खरीदे जाने की शिकायत मेडिकल हेल्थ एंड वेलफेयर डिपार्टमेंट के अलावा संबंधित जिलो के सीएमओ से भी कर दी है।

                शिकायत के मुताबिक प्रतापगढ़ में डेढ़ लाख के बजाय तीन लाख तीस हजार की दर से 24 ऑटोमेटेड हेमेटोलॉजी एनेलाइजर का ऑर्डर जारी कर दिया गया है। शिकायत करने वाली भारतीय कंपनी ट्रांसएशिया बायो मेडिकल लिमिटेड के मुताबिक डॉ लाल पैथोलॉजी से लेकर कोकिलाबेन अम्बानी हॉस्पिटल समेत देश की 50 हजार से ज्यादा पैथोलॉजी लैब में महज डेढ लाख में इस मशीन की सप्लाई कर रहे हैं। इसक बावजूद उनके प्रॉडक्ट को लेकर बोली लगाने वाले तीनों संस्थाओं को सीएमओ की कमिटी ने डिस्वालीफाई कर दिया। भारत के अलावा विदेशों में भी इतने कम रेट पर कोई उपकरण सप्लाई नहीं कर सकता। इसके बावजूद सिर्फ प्रतापगढ़ बल्कि कई जिलों में सीएमओ धड़ल्ले से यह मशीन तीन लाख तीस हजार के रेट से खरीद रहे हैं। वो भी तब जबकि इनके लिंक चाइना से हैं और भारत सरकार ने चाइनीज कंपनियों पर प्रतिबंध लगा रखा है।

 

तीन कंपनियां चयनित, तीनों के चाइनीज प्रॉडक्ट :

प्रतापगढ़ में चौंकाने वाली बात यह भी है कि अफसरों ने टेंडर में तीन बोलदाताओं को चुना। तीनों ने चाइनीज कंपनी के उपकरण बेनेस्फेरा के मॉडल एच31 को कोट किया। तीनों चयनित हो गए। भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के मुताबिक टेंडर में सफल होने के बाद भी अगर पता चल जाए कि चाइनीज कंपनी है तो ऑर्डर निरस्त किया जा सकता है। इसके उलट शिकायत के बावजूद अफसरों ने खरीद को हरी झंडी दे दी।

 

हर जिले में तीन नाम, तीनों में से एक चयनित :

शिकायत के मुताबिक शाहजहांपुर, बदायूं और प्रतापगढ़ समेत कई जिलों में जेम पोर्टल पर टेंडर के लिए सिलेक्ट होने वाली तीन कंपनियां डीएम एंटरप्राइजेजे, पार्श्वनाथ एंटरप्राइजेजे और सरस्वती एसोसिएट्स हैं। यह तीनों चाइनीज उपकरणों को लेकर बिड में शाामिल होती हैं। इनमें से एक को मंजूरी मिल जाती है।

 

जेम पोर्टल पर चाइनीज उपकरण हैं तो इसकी जिम्मेदारी सीएमओ की नहीं है। डेढ़ लाख में उपकरण वालों को तकनीकी परीक्षण में बाहर किया गया है। उन्हें कारण बताने की कोई वजह नहीं है। कमिटी ने डिस्क्वालीफाई किया है, इसकी जानकारी उन्हें हुई होगी।

डॉ़ अरविंद कुमार श्रीवास्तव, सीएमओ

प्रतापमगढ़

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यह खरीद पिछले साल दिसंबर में हुई थी। उपकरण चाइनीज हैं या नहीं, इसकी जांच करानी पड़ेगी। मैने अभी कुछ महीने पहले ही चार्ज लिया है। जेम पोर्टल पर किसी कंपनी को डिस्क्वालीफाइ करने में सीएमओ की कोई भूमिका नहीं होती।

डॉ़ यशपाल सिंह, सीएमओ

बदायूं

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हमने इस पूरे मामले की शिकायत यूपी मेडिकल हेल्थ एंड फैमिली वेलफेयर डिपार्टमेंट और सीएमओ से कर दी है। जब हम महज डेढ लाख में वही उपकरण दे रहे हैं तो अफसर तीन लाख तीस हजार में क्यों खरीद कर रहे हैं। हमारे प्रॉडक्ट को डिस्वालिफाई कर दिया गया लेकिन कोई कारण तक नहीं बताया जा रहा।

एलबी गौतम, जनरल मैनेजर

ट्रांसएशिया बायो मेडिकल लिमिटेड

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कई जिलों से इस तरह की शिकायतें रही हैं। मुझे भी शिकायत मिली है। दो तीन दिन पहले ही मैने ऐसे सभी जिलों के सीएमओ से रिपोर्ट मांगी है। रिपोर्ट मिलने के बाद ही तय होगा कि टेडर निरस्त करना है या नहीं। जानबूझकर गड़बड़ी साबित हुई तो अधिकारियों पर कार्यवाही भी होगी।

डॉ़ देवेंद्र नेगी, महानिदेशक

चिकित्सा स्वास्थ्य
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